संदेश
मुझे इंतज़ार है - कविता - अबरार अहमद
आँखों के अंतिम छोर पर जिस नमी को मैं महसूस करता हूँ हर रोज़, एक अधूरी नींद के बाद निःसंदेह, वह उन आँसुओं का उत्तरार्ध है जिन्हें रोक दि…
जो भी सीने में छुपा रक्खा है - ग़ज़ल - अबरार अहमद
अरकान : फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1122 22 जो भी सीने में छुपा रक्खा है, सब इस दिल को बता रक्खा है। हमको मालूम था तुम आओगे…
प्रतीक्षा - कविता - बृज उमराव
आस लगाए हम खड़े, हे साजन तुम कब आओगे? दिन गिन मेरी उँगली घिस गई, कब तक यूँ तड़पाओगे? तन तिनके के माफ़िक़ हो गया, आँखों में काले घेरे। च…
तेरी प्रतीक्षा में - कविता - प्रवीन "पथिक"
जब से तुझे देखा है तेरी छवि अतःचक्षु से विस्मृत नहीं होती। चाहती है वह सबकुछ जो एक प्रेमी-प्रेमिका के लिए आवश्यक है; प्यार करने के लिए…
साहिल पर बैठ - ग़ज़ल - विकाश बैनीवाल
साहिल पर बैठ मेरा इंतज़ार करना, मैं आऊंगा जरूर तुम एतबार करना। जो कह दिया मुकर के नहीं जाऊंगा, मेरे लहू में दौड़ता है करार करना। खड़ा…
इंतज़ार - कविता - अंकुर सिंह
दिल के इस बगिया में, तेरे लौट आने का इंतजार है। आओ मिलकर अब मिटा दे, बीच पड़ी है जो दीवार।। दिल मचलता है अब भी मेरा, मोहब्बत तु…
भूख मरने का इन्तज़ार करते हैं - कविता - सूर्य मणि दूबे "सूर्य"
तुम इन्तजार भूख लगने का करते हो और वो भूख मरने का इन्तज़ार करते हैं गरीबी इक गुनाह है, वो ऐतबार करते हैं भूखी माँ दूध पिलाती बन हड्डी क…