साहिल पर बैठ - ग़ज़ल - विकाश बैनीवाल

साहिल पर बैठ मेरा इंतज़ार करना,
मैं आऊंगा जरूर तुम एतबार करना।


जो कह दिया मुकर के नहीं जाऊंगा,
मेरे लहू में दौड़ता है करार करना।


खड़ा हूँ दिल के आखिरी मुहाने पर,
तुम संभाल लेना मुझे व प्यार करना।


साहिल पर बैठ थोड़ा इंतज़ार करना,
"विकाश" आएगा तुम एतवार करना।


विकाश बैनीवाल - भादरा, हनुमानगढ़ (राजस्थान)


साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos