संदेश
आदिशक्ति के नौ रूप - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
आदिशक्ति के नौ रूपों का, इस नवरात्रि में स्वागत है। माँ दुर्गा की पूजा को आतुर, सारा जहाँ और भारत है। नारी शक्ति को संबल देकर माँ ने म…
नमन तुझे माँ अम्बिका - कविता - राघवेंद्र सिंह
हिन्दू वर्ष का प्रथम, वह चैत्र मास आ गया। है आ गई बसंत ऋतु, कुसुम पलाश आ गया। बुला रहे नयन तुझे, तू आ मेरी माँ चंद्रिका। नमन तुझे मा…
नव शक्ति स्वरूपा - कविता - सोनल ओमर
नौ दिन में नौ रूपों का आवाहन करूँ, नव शक्ति स्वरूपा का मैं बखान करूँ। प्रथम शैलपुत्री अपार शक्ति धारिणी, परब्रह्म स्वरुप दूसरी ब्रह्म…
माता की जयकार - दोहा छंद - डॉ॰ राजेश पुरोहित
माता तेरे रूप की, महिमा बड़ी अपार। जो जन पूजे आपको, करती बेड़ा पार।। नव रूपों में सज रही, मैया मेरी आज। जयकारे मन से लगे, दिल में बजते स…
माई के मन्दिरवा भीतर - लोकगीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मगिहौं वरदान माई के मन्दिरवा भीतर। 2 गइहौं गुनगान देवी के मन्दिरवा भीतर। 2 सोना न मगिहौं चाँदी न मगिहौं, घोड़ा न मगिहौं गाड़ी न मंगिहौ, …
स्वीकारो माँ वन्दना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
करें मातु नित वन्दना, माँ दुर्गा नवरूप। ब्रह्मचारिणी शैलजा, जनता हो या भूप।। ज्ञान कर्म गुण हीन हम, क्या जाने हम रीति। मातु भवानी कर क…
सजा माँ दरबार निराला - गीत - रमाकांत सोनी
सब के दुख हरने वाली, सजा माँ दरबार निराला। रणचंडी खप्पर वाली, दुर्गा महाकाली ज्वाला। सिंह सवार मात भवानी, तेरी लीला अपरंपार। तू है …