संदेश
विधा/विषय "गुलाब"
गुलाब - कविता - आराधना प्रियदर्शनी
शनिवार, मई 22, 2021
सुरूप, सुभाग है सौंदर्य उसका, उस पर मनोरम उसका रंग, खिल जाए वह, मुस्काए वह, छाए उस पर जब पीला रंग। नृत्य करे और इठलाए, जो मौसम करवट ले…
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सुरूप, सुभाग है सौंदर्य उसका, उस पर मनोरम उसका रंग, खिल जाए वह, मुस्काए वह, छाए उस पर जब पीला रंग। नृत्य करे और इठलाए, जो मौसम करवट ले…
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