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मेरी कविताएँ - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
मेरी कविताएँ मेरा सहारा है मैंने जब जब उनको पुकारा है वह साथ देती है मेरा हर वक्त फैलाती दिल में उजियारा है मेरी कविताएँ मेरा सहारा है…
उपमान कहाँ से लाऊँ मैं - कविता - राघवेंद्र सिंह
विच्छिन्ति! सुनो ऐ कवि मन की, किस विधि से तुझे सजाऊँ मैं। इस सकल सृष्टि में नव-निर्मित, उपमान कहाँ से लाऊँ मैं। है चंद्र पूर्णिमा का…
यह मेरी लघु अक्षरजननी - कविता - राघवेंद्र सिंह
यह मेरी लघु अक्षरजननी, सूने पथ का एक सहारा। प्रतिक्षण ही मेरे उर रहती, गगरी में भरती जग सारा। कभी भोर लिखती, ऊषा वह, कभी सांध्य-बेला अ…
दिनकर-स्मृति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' पर दोहे
सिंहनाद भारत विजय, दिनकर सम आलोक। रग-रग धारी-शौर्य बल, राम नाम हर शोक॥ अलख जगाता क्रान्ति का, रश्मिरथी निर्बाध। अमर प्रेम पुरु उर्व…
मैथलीशरण गुप्त: एक योद्धा - आलेख - डॉ॰ अर्चना मिश्रा
मैथिलीशरण गुप्त आधुनिक युग के कवि माने गए। गुप्त जी को सिर्फ़ कवि कहना ही काफ़ी नहीं होगा, ये एक युगकवि कहलाए। इनका साहित्य, साहित्य क…
कवि क्या है? - कविता - ईशांत त्रिपाठी
मैं कवि नहीं, काव्य हूँ, शब्द रचना भाष्य हूँ। जगत की समृद्धि का मैं ही सदा आधार हूँ। मैं लक्ष्य नहीं, मार्ग हूँ, जीवंत भाव प्रवाह हूँ।…
कवि! तुम क्यों कविता करते हो? - गीत - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
कवि! तुम क्यों कविता करते हो? आख़िर तुम ने पूछ लिया ना! प्रश्न आपने पूछा ही है, तो फिर उत्तर देना होगा। सच पूछो तो इस युग के हर, बेज़ुबा…