औरों की तरह - कविता - निखिल 'प्रयाग'

औरों की तरह - कविता - निखिल 'प्रयाग' | Hindi Kavita - Auron Ki Tarah. प्रेम पर कविता। Hindi Poem On Love
औरों की तरह
हम तुम्हें नहीं देना चाहते
साज शृंगार की वस्तुएँ...
हम तो दे सकते है तुम्हें;
'किताबें' और शुद्ध 
सत्य तथा शास्वतता
से परिपूर्ण 
'प्रेम'
का अथाह सागर

क्या स्वीकार करोगे?

निखिल 'प्रयाग' - प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

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