महेंद्र सिंह कटारिया - नीमकाथाना (राजस्थान)
दीपोत्सव - कविता - महेन्द्र सिंह कटारिया
गुरुवार, अक्टूबर 31, 2024
ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पदा,
संग में मान प्रतिष्ठा प्यार।
लेकर आया जन-जन में,
दीपोत्सव का यह त्यौहार।
आम्र पल्लव गेंदा पुष्पों की,
द्वार चौखट बॉंध वंदनवार।
चाहत हर मुंडेर देहरी सज्जा,
हर्षित रमणी कर रही शृंगार।
देखों रंग-बिरंगी दीप कतारों से,
सब आलोकित है गली घर-द्वार।
जगमग-जगमग जलीं ज्योति से,
अमावस्या भी हुई अब उजियार।
बाँटें हम खिल बताशें सबको,
मिटाएँ उर से द्वेष-अहंकार।
दीप जलाकर नव आशाओं के,
बढ़ाएँ आस्था की मधुरिम झंकार।
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