तू चल तू आगे बढ़ - कविता - निधि चंद्रा

तू चल तू आगे बढ़ - कविता - निधि चंद्रा | Hindi Prerak Kavita - Tu Chal Tu Aage Badh - Nidhi Chandra. Hindi Motivational Poem. प्रेरक कविता
तू चल तू आगे बढ़
इन हालातों का सामना कर
चल तू अपना भविष्य गढ़

कोई बात तुझे तोड़ नहीं सकती
और तेरा परिश्रम अगर सच्चा है
तो कठिन से कठिन समस्या भी
तेरा मार्ग मोड़ नहीं सकती

परिस्थितियों से भागना छोड़कर
क़दमों की ज़ंजीर को
अपनी सफलता का हथियार बना
ढाल हौसले को एक ऐसे ढाँचे में
कि कठिनाइयाँ भी तुझसे माँगे पनाह

आज के समय में...
हौसलों से भरे क़दमों के लिए भी
चुनौतियाँ स्वागत में है तैयार
तुझे स्वयं अपना पथ प्रदर्शित कर
करना होगा इनपर वार

कठिनाइयों से खेल...
और अपने आप को लोहा जैसा तपाकर
समय रहते अपनी प्रतिभा पहचान ले
लोगो की बाती की परवाह किए बगैर
चल अपने सपनो को तू नई उड़ान दे

ये दुनिया ऐसी है
जो तुझे आगे बढ़ते हुए
कभी नहीं देख सकती...
जब जब तू आगे बढ़ेगा
तब तब ये तेरा रास्ता रोकेंगे
और जब कुछ अच्छा करना चाहेगा
तब पूरी ताक़त से तेरा हौसला तोड़ेंगे

पर तू घबराना मत...
लोगो की व्यर्थ बातो को बुरा स्वप्न
समझकर भूल जाना
और अपनी सकारात्मक ऊर्जा से
अपना नवयुग बनाना

थोड़ा वक्त लगेगा पर
मेहनत ज़रूर सफल होगा
और कर्म अगर सच्चा है तो
कर्म कहाँ निष्फल होगा
थोड़ा समय लगेगा पर
तू ज़रूर सफल होगा

तू चल तू आगे बढ़
इन हालातों का सामना कर
चल तू अपना भविष्य गढ़।

निधि चन्द्रा - दतौद, जैजैपुर (छत्तीसगढ़)

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