निधि चन्द्रा - दतौद, जैजैपुर (छत्तीसगढ़)
तू चल तू आगे बढ़ - कविता - निधि चंद्रा
शनिवार, अगस्त 10, 2024
तू चल तू आगे बढ़
इन हालातों का सामना कर
चल तू अपना भविष्य गढ़
कोई बात तुझे तोड़ नहीं सकती
और तेरा परिश्रम अगर सच्चा है
तो कठिन से कठिन समस्या भी
तेरा मार्ग मोड़ नहीं सकती
परिस्थितियों से भागना छोड़कर
क़दमों की ज़ंजीर को
अपनी सफलता का हथियार बना
ढाल हौसले को एक ऐसे ढाँचे में
कि कठिनाइयाँ भी तुझसे माँगे पनाह
आज के समय में...
हौसलों से भरे क़दमों के लिए भी
चुनौतियाँ स्वागत में है तैयार
तुझे स्वयं अपना पथ प्रदर्शित कर
करना होगा इनपर वार
कठिनाइयों से खेल...
और अपने आप को लोहा जैसा तपाकर
समय रहते अपनी प्रतिभा पहचान ले
लोगो की बाती की परवाह किए बगैर
चल अपने सपनो को तू नई उड़ान दे
ये दुनिया ऐसी है
जो तुझे आगे बढ़ते हुए
कभी नहीं देख सकती...
जब जब तू आगे बढ़ेगा
तब तब ये तेरा रास्ता रोकेंगे
और जब कुछ अच्छा करना चाहेगा
तब पूरी ताक़त से तेरा हौसला तोड़ेंगे
पर तू घबराना मत...
लोगो की व्यर्थ बातो को बुरा स्वप्न
समझकर भूल जाना
और अपनी सकारात्मक ऊर्जा से
अपना नवयुग बनाना
थोड़ा वक्त लगेगा पर
मेहनत ज़रूर सफल होगा
और कर्म अगर सच्चा है तो
कर्म कहाँ निष्फल होगा
थोड़ा समय लगेगा पर
तू ज़रूर सफल होगा
तू चल तू आगे बढ़
इन हालातों का सामना कर
चल तू अपना भविष्य गढ़।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर