डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा - राँची (झारखंड)
हमारा भारत - गीत - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
शुक्रवार, जनवरी 20, 2023
अरुणाचल है शीश हमारा,
कश्मीर से कन्याकुमारी, मेरी बाँहें।
राजस्थान, गुजरात है पग हमारा,
और दिल्ली आत्मा, और दिल्ली आत्मा।
है है, है है यह हमारा भारत। - 2
फ़ितरत जहाॅं मिट्टी उर्वर कर,
डालती फ़सलों में जान।
नदियाँ जहाॅं कल-कल बह कर,
बुझाती फ़सलों की प्यास।
खेतों में फ़सलें लहरा कर,
रखती हम सबको ख़ुशहाल। - 2
भारत माॅं हमें तो पालती ही है,
दूसरों को पालने में भी,
बढ़ाती अपनी हाथ। - 2
है है, है है ये हमारा भारत।
अरुणाचल है शीश हमारा,
कश्मीर से कन्याकुमारी, मेरी बाँहें।
राजस्थान, गुजरात है पग हमारा,
और दिल्ली आत्मा, और दिल्ली आत्मा।
है है, है है यह हमारा भारत। - 2
जहाॅं विद्वानों ने जन्म लेकर,
बढ़ाई भारत की शान।
तकनीक जहाॅं उन्नत कर,
डालती विकासों में जान।
सॉफ्टवेयर में कर कारनामे,
दुनिया में बनाई अपनी पहचान। - 2
भारत को हम आगे बढ़ाते ही है,
दुनिया को बढ़ाने में भी,
हम देते उसका साथ। - 2
है है, है है ये हमारा भारत।
अरुणाचल है शीश हमारा,
कश्मीर से कन्याकुमारी, मेरी बाँहें।
राजस्थान, गुजरात है पग हमारा,
और दिल्ली आत्मा, और दिल्ली आत्मा।
है है, है है यह हमारा भारत। - 2
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