समय - कविता - सचिन कुमार सिंह

शासक पर भी शासन करता,
सबको नाच नचाता है,
समय बड़ा ही मूल्यवान है,
लौट नहीं यह आता है।

स्थिरता के अभाव में,
निरंतरता के स्वभाव से,
बढ़ते चलते जाता है,
समय बड़ा ही मूल्यवान है,
लौट नहीं यह आता है।

इसके साथ जो चलता है,
कभी नहीं वह ढलता है,
सर्व शक्ति है यही हमें,
शाश्वतता बतलाता है,
समय बड़ा ही मूल्यवान है,
लौट नहीं यह आता है।

सचिन कुमार सिंह - छपरा (बिहार)

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