डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन' - जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
रक्षा बंधन - कविता - डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
बुधवार, अगस्त 10, 2022
कुछ रिश्तों की डोर
कभी टूट न पाए
भाई-बहन के रिश्ते में
खटास कभी न आए
छोटी-छोटी ग़लतियाँ
जब भाई करता
माँ-बाप के ग़ुस्से का पारा
जब-जब चढ़ता
प्यारी बहना माँ बनकर
तब हमें बचाए
रक्षाबंधन के दिन
रोली चंदन चावल
की थाल सजाए
प्यारे भैया के माथे पर
तिलक लगाए
नाज़ुक रेशम की डोर को
कलाइयों पर बाँध
भाई-बहन के रिश्ते को
और अटूट बना जाए।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर