चल क़दम मिला - कविता - जितेन्द्र कुमार 'सरकार'

चल क़दम मिला क़दम सारा हिन्दुस्तान,
रंग रोंगन में रमता जा यह दिल की दास्तान।

उठ जाग रे देख तु प्राणी रख सबका सम्मान,
देश मेरे की रख तु लाज कर इसका गुणगान।

चल क़दम मिला...
 
सत्य निष्ठा से बढ़ता जा तू, यह तेरा अभिमान,
मातृभूमि पावन हमारी, हमारी यह पहचान।

अखण्ड भारत प्रचण्ड भारत शांति का गान,
किसानों की धरती है ये भारत देश महान।

है तिरंगा जान से प्यारा, ख़ुशबू है सारे जहाँ,
अलोकिक सौंदर्य से रंगा देश की अपनी शान।

चल क़दम मिला...

जितेन्द्र कुमार 'सरकार' - दौसा (राजस्थान)

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