दिल में है हिंदुस्तान - गीत - कुमारी गुड़िया गौतम

दीन धर्म की ख़बर न मुझको,
करते हैं अब तेरी पूजा।
दिल में है अब हिंदुस्तान,
रहा न कोई और दूजा।
मात पिता भाई बहन मैं न जानूँ,
सबसे ऊँचा अब तेरा दर्जा।
नस-नस में अब तू बसा,
दीन धर्म की ख़बर न मुझको,
करते हैं अब तेरी पूजा।
दिल में है अब हिंदुस्तान,
रहा न अब और कोई दूजा।
भारत माँ के चरणों में,
मैंने अपना जीवन वारा।
आई है मुश्किले पर मैं,
कभी भी न हारा।
दीन धर्म की ख़बर न मुझको,
करते हैं अब तेरी पूजा।
दिल में है अब हिंदुस्तान,
रहा न कोई और दूजा।
जान से बढ़कर तू,
हमको है अब प्यारा।
हिन्दू मुस्लिम का अब भेद नहीं,
सबका है बसेरा।
दीन धर्म की ख़बर न मुझको,
करते हैं अब तेरी पूजा।
दिल में है अब हिंदुस्तान,
रहा न कोई और दूजा।

कुमारी गुड़िया गौतम - जलगाँव (महाराष्ट्र)

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