महेन्द्र सिंह राज - चन्दौली (उत्तर प्रदेश)
घट - दोहा छंद - महेन्द्र सिंह राज
शुक्रवार, सितंबर 24, 2021
घट है माटी से बना, लगा अल्प सा दाम।
लू में शीतल वारि दे, आता बहुतों काम।।
घट-घट में भगवान हैं, जीव जीव में जान।
हर प्राणी भगवान का, सदा प्रेममय मान।।
कण-कण में प्रभु वास है, सभी घटों में प्राण।
जीव तभी तक जीव है, जब तक चलती ध्राण।।
सभी जीव भगवान के, भगवन पर विश्वास।
भगवन ही संसार में, करते पूरी आस।।
मानव-मानव एक हैं, ख़ून सभी का लाल।
आती जब विपदा घडी़, बदले कुछ की चाल।।
बदले जिसकी चाल है, मन में रखता खोट।
ढुलमुल जिसकी नीति हो, मन को लगती चोट।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर