कुछ तस्वीरों में क़ैद लम्हें
मुझे मेरी अमीरी का एहसास दिलाते हैं।
एल्बम में क़ैद वो पल मेरी जागीर हैं,
ख़ामोशियों में लफ़्ज़ और लफ़्ज़ों में
ख़ामोशी बताते हैं!
ज़िन्दगी की तस्वीर
कहीं धुँधली न हों जाए,
बार-बार उन लम्हों को
जीने की तरकीब बताते हैं!
कुछ तस्वीरों में क़ैद लम्हें
मुझे मेरी अमीरी का एहसास दिलाते हैं।
कभी आँखों में आकर हँसा देते हैं,
कभी रूला देते हैं।
अपनों की बातें, वो मुलाक़ातें
उन पलों में मुस्कुराते चेहरे
मेरी अमीरी का एहसास दिलाते हैं।
कुछ तस्वीरों में क़ैद लम्हें
मुझे मेरी अमीरी का एहसास दिलाते हैं।
प्रतिभा नायक - मुम्बई (महाराष्ट्र)