दया इस बार भी कर दो माँ - गीत - गुड़िया सिंह

जब जब भी विपदा आई,
तब तब तुमने अवतार लिया,
मनुष्य से देवताओ तक के,
कष्टों का,
तुमने ही, तो मैया,
संहार किया।
तुम चण्ड-मुण्ड विनाशिनी,
कैलाश शिखर की निवासिनी,
तुम गौरी, दुर्गा, काली,
शोक, पाप कि तुम नाशिनी,
भक्तों की रक्षक तुम मैया
दुष्ट, अधर्मियों के लिए काल हो।
है जो लचार, बेबस कोई,
उन सभी की,
तुम ही एक आस हो।
तुम लक्ष्मी, सरस्वती
तुम शिवप्रिय पार्वती,
आदिशक्ति जगदम्बा तुम,
ब्रह्मचारिणी माँ तुम देवी सती,
अनंत रूप धर कर तुमने 
सभी पर किया उपकार है।
जो भी गया शरण तेरी,
किया उसका सदैव उद्धार है।
ऐ माते एक विनती मेरी भी,
स्वीकार कर लो,
है संकट में सृष्टि तुम्हारी,
अपनी दया और
एक बार कर दो।
हाथ जोड़ वंदन तेरी,
गुड़िया करती है,
सब की झोली खुशियों से
इस बार भी भर दो।

गुड़िया सिंह - भोजपुर, आरा (बिहार)

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