मिशन शक्ति - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"

उठो अबला नारी
सबला का चोंगा पा लो।
देह के भूखे भेड़िओ से,
अपना सम्मान बचा लो।
तुम हो जितनी सरल
उतनी बनो, पेंचीदा,
दुनियाँ में, नही कोई सीधा
कर विश्वास, न हरो सीता।
दुनियाँ के कठिन मंच पर
परचम तुमको लहराना हैं,
बहुत कष्ट दिए ज़माने ने
सबको सबक सिखाना है।
हिम्मत को चुन अपना साथी,
हर मंज़िल पर फतह पानी है।
कब तक ख़ुद को कुचलोगी,
अब तो दुर्योधन के वंशज से,
अपना बदला तो लोगी
दिखला दो ,दुनिया को राधा,
संघर्षों से टकराना,
हमें भी है, अब आता।
हर मुश्किल से गुज़रना है,
न हबस का ग्रास, बनना है।
चीर सीना हत्यारों का,
नही अब, डरना है।
किए फिर अपराध जो
सज़ा भी पाओगे,
है नारी अस्मिता के दुश्मन,
कब तक  खैर मनाओगे।

अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी" - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

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