नमन शारदे माता - सार छंद - ओम प्रकाश श्रीवास्तव "ओम"

हे शारदे नमन है तुमको, कृपा दिखाओ माता।
समझ अज्ञानी अत्याचारी, माफ़ी दे दो माता।।

एक एक कण में रहती तू, बन के शीतल छाया।
इस जीवन का सारा सुख भी, तेरे चरण समाया।।

तेरा मेरा इस जग में है, माँ बेटे का नाता।
समझ अज्ञानी अत्याचारी, माफ़ी दे दो माता।।

तू ही है विद्या की देवी, तू ही स्वर की रानी।
तेरी कृपा से ही रचें सब, सुंदर गीत कहानी।।

दे दो अब शुभाशीष माता, नमन है दीनदाता।
समझ अज्ञानी अत्याचारी, माफ़ी दे दो माता।।

हे शारदे नमन है तुमको, कृपा दिखाओ माता,
समझ अज्ञानी अत्याचारी, माफ़ी दे दो माता।।

ओम प्रकाश श्रीवास्तव "ओम" - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

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