करियो नारी का सत्कार।
है ये नारी सृजन हार।।
है ये नारी जग की जननी,
इस बिन सृष्टि नहीं चलनी,
इस बिन सूना है संसार।
करियो नारी का सत्कार।।
नहीं इसका कोई सानी,
सदा देती ये क़ुर्बानी,
लेती अपने मन को मार।
करियो नारी का सत्कार।।
जहाँ इसका होता आदर,
वो जगह हो स्वर्ग बराबर,
वहाँ तो बसते हैं करतार।
करियो नारी का सत्कार।।
तुम सुन लो खोलकर कान,
इसका मत करियो अपमान,
ये है जीवन का आधार।
करियो नारी का सत्कार।।
कहाँ तक इसकी महिमा गाऊँ,
इतने शब्द कहाँ से लाऊँ,
इतना ज्ञानी नहीं पंवार।
करियो नारी का सत्कार।।
समुन्द्र सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)