प्रेम पत्र अरुणाभ मुदित प्रिय,
अनुराग राग इज़हार करूँ।
पावस चकोर अभिलाष मिलन,
सावन भावन रुख़सार करूँ।
मन मुकुन्द अभिनव प्रणीत प्रिय,
मधुमास कोकिला गान बनूँ।
आधान प्रकृति बन चारु ललित,
शशि मौलि सुभग शृङ्गार बनूँ।
मन्द मन्द मुस्कान अधर प्रिय,
अभिलेख स्नेह तल पत्र लिखूँ।
आतप वियोग चिर प्रीति अनल,
नयनाश्रु हृदय पट चित्र रचूँ।
कृष्ण घटा वर्षण चितवन,
प्रिय तुंग पयोधर शमन करूँ।
विस्मृत जीवन तन मन चितवन,
जल विरत मीन निष्प्राण बनूँ।
आधार सजन जीवन सुन्दर,
अविराम सरित जलधार बनूँ।
निशि चन्द्रप्रभा मनमोद चमन,
अभिसार चाह इज़हार बनूँ।
हमराह सफल हमदम शाश्वत,
आह्लाद स्वप्न रसराज बनूँ।
अभिनीत चारु प्रीत अन्तर्मन,
पावन सुरभित प्रियसाज बनूँ।
प्रेम पत्र हृदय गुंजार सजन,
अनुनाद भ्रमर कुल गान बनूँ।
चितचोर सजन मनहर सावन,
प्रियतम जीवन सम्मान बनूँ।
कुसुमित निकुंज राधा माधव,
मधुमास चारु नव रास रचूँ।
प्रसरित मयूर मन पंख युगल,
नच नव जीवन उल्लास भरूँ।
डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली