डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी" - गिरिडीह (झारखण्ड)
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ३) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
गुरुवार, नवंबर 26, 2020
(३)
मिले बौद्ध अवशेष, स्तूप मूर्तियाँ यहाँ पे?
प्रमाण नहीं विशेष, पधारे बुद्ध कहाँ पे?
भ्रमण किए थे बुद्ध, बताते स्मारक सारे।
ज्ञानी भिक्षु प्रबुद्ध, धरा झारखण्ड के वारें।।
धम्मालोक मशाल, जलाया किसने बोलो?
मध्यदेश खंगाल, भेद आटव का खोलो।
शिलालेख उल्लेख, करे जो उसे बताओ।
शुचि कलिंग अभिलेख, कहे जो हमें सुनाओ।।
बौद्ध धर्म का लोप, यहाँ क्यों हुआ बताओ?
हिया प्रबल विक्षोप, करे इसको समझाओ।
मध्यदेश में बुद्ध, पधारे थे क्या दिनकर?
भ्रमण किए अनिरुद्ध, हुए क्या इस धरती पर?
मिहिर! बता तत्काल, बौद्धकालीन कहानी।
पूछ रहा है काल, बताओ आज जुबानी।
बौद्ध-धर्म जयकार, हमें करना सिखलाओ।
ममता करे गुहार, मिहिर! अथ कथा सुनाओ।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर