जल है तो कल है - कविता - सुनीता रानी राठौर

जल बचाओ जीवन बचाओ,
नदी का जल स्वच्छ बनाओ।
तालाब में जल संग्रहित कर,
वर्षा के बहते जल बचाओ। 
  
जल है तो सबका जीवन है,
हर प्राणी के लिए अमृत है।
जल बिना मृतप्राय जीवन,
धरती में जल है तो कल है।
  
धरती में अंतर्निर्हित है जल,
बादल में समाहित है जल। 
वर्षा के बूंदों से मिले अमृत, 
फसलों को संचित करे जल। 
  
जल से पुष्पित सुंदर उपवन,
जल से हरा-भरा रहता वन।
खेतों की हरियाली जल से,
जल से नदियां बहे अविरल। 

ठोस गैस द्रव निराकार जल,
सीमा में रहे तो जीवन जल।
त्रिगुणात्मक है सत्व रज तम,
सीमाधिक प्रलय मचाये जल।

जल का महत्व समझे रेगिस्तान,   
जल का महत्व समझे किसान।
लाती औरतें जो घड़ा भर जल, 
समझती वो जल है तो है कल।

सुनीता रानी राठौर - ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)

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