माफ़ी - गीत - संजय राजभर "समित"

मनुजता का लाज रखना है।
सहज होकर माफ़ करना है।। 

भारी मन बस एक बोझ है,
क्रोध, बदला, कलुषित सोच है।
निश्छलता में सहज प्रीत है, 
सुमधुर वचन में ही गीत है।

जिंदगी में  राज  करना है ।
सहज होकर माफ़ करना है।। 

अहिंसा का पथ धैर्य माँगे,
सार्थकता का नियमन टांगे।
वसुधैव कुटुंब का पाठ हो,
जीवन सादगी का ठाट हो। 

सदैव उच्च काज करना है ।
सहज होकर माफ़ करना है।। 

गौतम बुद्ध शांति दूत बने,
तब अहिंसा के वितान तने। 
अंगुलिमान नतमस्तक हुआ,
वाल्मीकि को तथ्य ज्ञान हुआ।

क्षम्यता का नाज करना है। 
सहज होकर माफ़ करना है।। 

भगवान राम जी का शिक्षा,
सहनशील मंत्र  एक दीक्षा।
सतत तप में ईश्वर भान है,
और सब मिथ्या अभिमान है।

मन ह्दय का ताज करना है।। 
सहज होकर माफ़ करना है।। 

संजय राजभर "समित" - वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

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