अरुणिम आशा की किरण - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"

अरुणिम आशा की किरण, नव जीवन सौगात।
चलें अभय पथ   कर्म  में, सहें   सभी आपात।।१।।

आएँगी     पथ     मुश्किलें, काटेंगे    अपनत्व।
देखो नभ  घनश्याम को, रोके  रवि  अस्तित्व।।२।।

धैर्य   रखो  साहस   प्रवर, काटो   हर  तूफ़ान।
मयायावर   संघर्ष    के, आश किरण अरमान।।३।।

चमकेगी    आशा  किरण, नवांकुर    नवपात।
पुष्पित सुरभित  हो  चमन, बचें सदा जज़्बात।।४।।

कठिन परीक्षा की  घड़ी, नित  सत्पथ  आरोह।
गिरा मनोबल तनिक भी, हो  जीवन  अवरोह।।५।।

तन मन धन अर्पण पथी, उद्यत जो  शुभकाम।
जागृत आशा की किरण, सुगम सुपथ अविराम।।६।।

परमारथ  मन में  सदा, प्रीत  वतन  अभिमान।
इच्छा   तत्पर      साधना,  सत्संगी     सम्मान।।७।।

मार्ग सुलभ साफल्य का, किरण भोर  आगाज़।
पूर्ण विजय आशा किरण, बने सफल सरताज।।८।।

युवाशक्ति  आशा  किरण, साधक  नवनिर्माण।
संवाहक   नवराष्ट्र   का, कारक जग कल्याण।।९।।

कवि निकुंज आशा किरण, महाशक्ति हो देश।
सुख वैभव सबकी प्रगति, प्रीति शान्ति उपवेश।।१०।।

डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली

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