संदेश
सिपाही - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
हमें गर्व है, उन वीर सपूतों पर, जो माँ की ममता पिता का प्यार, घर का मोह छोड़, फ़ौज में जाते है। हमें स्वाभीमान है, वीर बहादुर जवानों पर…
भारत के वीर सिपाही - कविता - रमाकांत सोनी
भारत के वीर सिपाही, सरहद के सजग सेनानी, मातृभूमि पर न्योछावर, जो देते अपनी ज़िन्दगानी। गोला बारूद भाषा पढ़ते, देशप्रेम में रहते मतव…
अर्धसैनिक बलों का संकल्प - कविता - गणपत लाल उदय
हम तो मुसाफ़िर है केवल तुम्हारी कश्ती के, ज़िन्दगी जहाँ हमें कहेगी वही उतर जाएँगे। क्यों कि हम देश सेवा और निष्टा के पुजारी, चाहे कैसा भ…
जय जवान माँ भारती - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
सैनिक सरहद पर खड़े, छोड़ मोह परिवार। तन मन धन अर्पण वतन, लीन शत्रु संहार।।१।। पुलकित मन माँ भारती, देख समर्पण पूत। साश्रु नैन स्नेहिल ह…
प्रत्यक्ष - कविता - गणपत लाल उदय
ज़िन्दगी अपने लिए जीना, यह एक आम बात। लेकिन अपने देश के लिए जीना, ये ख़ास बात।। प्रत्यक्ष में हमने देखा, मौत को गले मिलते हुऐ। सीमा पर …
सलामत रहे जांबाज सिपाही - कविता - सैयद इंतज़ार अहमद
हमसे न पूछो की क्या हाल है अपना, जिंदगी की हिफाज़त में घरों में कैद बैठे हैं, सुनके हालत ए दुनियां, खुदा का शुक्रिया करते, कि हम…