संदेश
विधा/विषय "लहू"
मैं अपने लहू से लिख सकूँ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
शनिवार, अक्तूबर 31, 2020
मैं तेरे प्यार में पागल आज, एलान अभी करता हूँ सरेआम। मैं अपने लहू से लिख सकूँ तो, दिल पर बस तेरा ही एक नाम। मेरे लिए इस जहां में क…
मेरा लहू तेरा अश्क़ - कविता - शेखर कुमार रंजन
शुक्रवार, अगस्त 14, 2020
मै अपना लहू जलाकर, तेरा अश्क़ लिखता रहा तब जाकर जमाने को, तेरा दर्द दिखता रहा। मैने अपने रक्त से, तेरी कहानी लिखा है तब जाकर ज…