संदेश
विधा/विषय "दीवाना"
अगर दीवाने तेरे हम न होते - ग़ज़ल - धर्वेन्द्र सिंह
शुक्रवार, सितंबर 03, 2021
अरकान: मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन तक़ती: 1222 1222 122 अगर दीवाने तेरे हम न होते, हमारी ज़िंदगी में ग़म न होते। मगर जाने-जहाँ इक हम न …
हूँ मैं दीवाना - कविता - शेखर कुमार रंजन
सोमवार, अगस्त 24, 2020
हूँ मैं दीवाना और दीवानों के, कदमों में ही है सारा जमाना जब तक साँस हैं तब तक, रहेगी मुझमें ये दिवानगी। हम गाते रहेंगें हमेशा…