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विधा/विषय "माँ लक्ष्मी"
मेरे घर भी आना - कविता - सौरभ तिवारी
गुरुवार, नवंबर 04, 2021
हे माँ लक्ष्मी! इस दीवाली मेरे घर भी आना, नहीं चाहिए सोना-चाँदी बस दो रोटी ले आना। लाल कुपोषण झेल रहा है और घर में लाचारी है, टूटे छप्…
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हे माँ लक्ष्मी! इस दीवाली मेरे घर भी आना, नहीं चाहिए सोना-चाँदी बस दो रोटी ले आना। लाल कुपोषण झेल रहा है और घर में लाचारी है, टूटे छप्…
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