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बाबा बैद्यनाथ धाम - गीत - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
ज्योतिर्लिंगों में है, एक लिंग, है वो बाबा बैद्यनाथ धाम। बाबा बैद्यनाथ धाम 2 मनोकामना लिंगों में है, एक लिंग, है वो बाबा बैद्यनाथ धाम।…
शिव हैं भोले भंडारी - कविता - शालिनी तिवारी
शिव हैं आदि शिव हैं अनंत वो हैं भोले भंडारी, गले सर्प तन मृग छाला अविनाशी हैं डमरूधारी। जटा विराजत गंगा और माथे शोभित अर्धचंदा, गणप्रे…
शिव मैं कुछ तुम जैसी हूँ - कविता - स्नेहा
शिव! मैं कुछ तुम जैसी हूँ... तुम भोले हो मैं भोली हूँ तुम ध्यानी हो मैं तुम्हारे ध्यान में ये सारा जग तुझमें बसता हैं और तू मुझमें ब…
चंद्रमौली भगवान - कविता - गणेश भारद्वाज
हे शिव शंकर डमरू वाले सीधे सादे भोले भाले भजन करूँ तन मन से तेरा अंतरमन में बसने वाले। पल में ख़ुश हो जाने वाला तुम सम ऐसा देव कहाँ है …
मेरा मन मंदिर भी शिवाला है - गीत - आशीष कुमार
बाबा बसे हो काशी नगरिया काशी नगरिया हो काशी नगरिया कभी तो आओ हमरी दुअरिया हमरी दुअरिया हो हमरी दुअरिया। मेरा मन मंदिर भी शिवाला है इसम…
हरि - घनाक्षरी छंद - रविंद्र दुबे 'बाबु'
कमल नयन पट, नमन सकल जर, खलल जगत जब, हरि उठ छल धर। तप जप वश कर, बम शिव धर वर, मटक कमर तब, भसम करत खर। क़हर परशुधर, बरसत डटकर, क्षत्र वध …
हर हर शंकर भोले दानी - चौपाई छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
हर हर शंकर भोले दानी। देवासुर सब कीर्ति बखानी॥ द्वादश ज्योतिर्लिङ्गहि रूपा। त्रिलोकेश्वर रुप अनूपा॥ महादेव भुवनेश्वर लोका। कैलाशी हरते…