संदेश
बाबासाहेब - कविता - देवेश द्विवेदी 'देवेश'
धर्म जाति से ऊपर उठकर उनके रहे विचार, और समाज की हर कुरीति पर खुलकर किया प्रहार। ऊँच नीच का भेद मिटाकर हो सबका सम्मान, बाबासाहेब की चा…
संविधान दे के गया कोई - कविता - सुनील खेड़ीवाल
ये ज़ीस्त-ए-अंदाज़-ओ-गुफ़्तगू, ये जीने का असरार-ओ-सलीक़ा देके गया कोई। अहसान कैसे चुकाऊँ मैं उस शख़्सियत का, बदतर ज़िंदगी से उबारने को संविध…
डॉ. भीमराव अम्बेदकर - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
बदला मानक दलित का, साररस्वत व्यक्तित्व। बाबा साहब बुद्धि बल, भीमराव अस्तित्व।। मिली वतन स्वाधीनता, बना नहीं गणतन्त्र। संविधान निर्माण …
तुम जैसे ना जग में महान - कविता - हरदीप बौद्ध
ज्ञान के सूर्य युग प्रवर्तक ना तुम जैसा कोई जग में महान। कर महापरिवर्तन भारत में, किया सभी को एक समान।। मज़लूमों के तुम थे हितकारी, जिस…
हम वो भारत बनाएंगे - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
नील गगन तले हौसलों की उड़ान भरकर, शिक्षित और सुदृढ़ हर जमात बनाएंगे। संघर्ष के बल संगठित होकर एक दिन, भीम ने सोचा, हम वो भारत बनाएंगे…
नमन भीम मसीहा को - कविता - हरदीप बौद्ध
एक मसीहा हुए जहां में भीमराव जिनका था नाम। सारी दुनिया करें नमन कर गये वो ऐसे काम।। था जब भेदभाव समाज में तब की थी आपने पढाई। फि…
महापुरुषों को सलाम - कविता - प्रीति बौद्ध
लिख दिया जिसने स्वर्णिम भविष्य हमारा बाबा साहब की उस कलम को सलाम। दी आजादी हमें अधिकारों के लड़ने की उस संविधान को करते हम सदा सलाम…