संदेश
मेघ - कविता - स्नेहा
बादल आते हैं चले जाते हैं... बिन बरसे फिर आते हैं आसमाँ पे छाते हैं चले जाते हैं... बिन बरसे आज निवेदन करती हूँ... ऐ मेघ! अबकी जो आए ह…
ए बदरी - भोजपुरी गीत - धीरेन्द्र पांचाल
सुखि गइलें पोखरा आ जर गइलें टपरी, ए बदरी। कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी। देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी। बनरा के पेट पीठ एक भइलें घानी।…
बदरिया - कविता - धीरेन्द्र पांचाल
चान छुपउले जाली कहवाँ, घुँघटा तनिक उठाव। बदरिया हमरो केने आव, बदरिया हमरो केने आव। झुलस रहल धरती के काया छाया ना भगवान लगे। तोहरे बिना…
कि बादल बहुत आज छाए हुए हैं - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
कि बादल बहुत आज छाए हुए हैं, गली गाँव जल में समाए हुए हैं। बतख मोर चातक पपीहा पखेरु, धमाचौकड़ी सब मचाए हुए हैं। खड़े नीम पीपल बकुल मौन…
बरसात और बादल - कविता - आराधना प्रियदर्शनी
निरंतर बादल नील गगन में, आज़ाद घूमता शोर मचाता। कभी रुके तो कभी चले, यह अलग अलग है रंग दिखाता।। सुबह तो लगता बिल्कुल नीला, दिन में लगत…
बरस बरस मेघ राजा - घनाक्षरी छंद - रमाकांत सोनी
मेघ राजा बेगो आजा, बरस झड़ी लगा जा। सावन सुहानो आयो, हरियाली छाई रे। अंबर बदरा छाए, उमड़ घुमड़ आए। झूल रही गोरी झूला, बाग़ा मस्ती छाई…
काले मेघ अब बरस जाओ - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
आसमान में लुका छिपी का खेल अब और न करो, हमारी उम्मीदों पर अब आरी न और चलाओ। हे काले मेघ तरस खाओ बस एक बार जमकर बरस जाओ, धरा की प्यास …