संदेश
मैं तुम्हारा पिता - कविता - अनिल कुमार
क्या तुम मुझे पहचानते हो? मैं तुम्हारा पिता तुम मेरे अंश हो। तुमने स्पर्श पहचाना मेरा तुम! मुझे अपना मानते हो? अभी तुम नन्हें पुष्प ह…
पिता - कविता - सीमा शर्मा 'तमन्ना'
मुश्किल राहों का सफ़र तय कर पाना यूँ तो, हर किसी के लिए इतना आसान नहीं होता है। इस बात का दर्द उनसे पूछकर देखें ज़रा! जिनके सिरों पर पित…
छोड़ चले हैं बाबूजी - गीत - प्रवीन 'पथिक'
जीवन के सूने आँगन में, यादों की पतझड़ है छाई। एक दिवस ऐसा न गुज़रा, जिस रोज़ उनकी याद न आई। कर अनाथ हम माँ बेटे को, मुख मोड़ चले हैं बाब…
बिदाई : एक पिता का दर्द - कविता - जॉयस जया रौनियार
नन्ही सी बगिया का फूल आज होके चली पराई, देख पिता कि मन और आँख भर आई, पर होठो पे बस मुस्कान ही दिखाई। जिन्हें हाथो से पालने को इतने ध्य…
पापा! आप पीछे रह गए - कविता - ज्योत्स्ना मिश्रा 'सना'
नौ महीने कोख में रख माँ ने था पाला, आपने उम्र भर दिल में, मगर माँ ने लाड़ लड़ाया, आप अनुशासन में रह गए, माँ हमारी दोस्त बन गई पापा! …
मैं पिता जो ठहरा - कविता - विजय कृष्ण
मैं पिता जो ठहरा- प्यार जता नहीं पाया। बच्चे माँ से फ़रियाद किया करते थे, पापा को घूमने के लिए मना लो, ये मनुहार किया करते थे। बच्चों स…
पिता ही करता ऐसा काम - कविता - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
चुप रह कर जो हर पल सोचे, मौन रहकर करे सब काम। सामने वाला जान भी न पाए, करे उसके हर ज़रूरतों का इंतज़ाम। ऐसा करने वाला कोई और नहीं, सिर्फ…