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विधा/विषय "दीया"
जलाओ दिये - कविता - राम प्रसाद आर्य
सोमवार, दिसंबर 14, 2020
जलाओ दिये, पर रहे ध्यान इतना, रह गया है दिये में कि अब तेल कितना। कि बाती बुझी है या जली है तो कितना, बदलनी है बाती, डालना तेल कित…
धनतेरस बधाईयाँ - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शुक्रवार, नवंबर 13, 2020
कवि निकुंज शुभकामना, धनतेरस त्यौहार। तन मन गृह सुख सम्पदा, हो मंगल परिवार।।१।। आलोकित सद्भाव से,अमन शान्ति नित गेह। मन विकार मानस म…
मैं बाती हूँ - कविता - गणपत लाल उदय
शुक्रवार, नवंबर 13, 2020
मैं एक बाती हूँ हर रोज में जलती हूँ। जलकर अंधेरा मिटाती हूँ प्रकाश सभी तक पहुँचाती हूँ।। मुझें कोई याद नहीं करता क्यों कि मैं दी…
मिट्टी के दीये - कविता - श्याम "राज"
मंगलवार, अक्तूबर 20, 2020
दीप जलाओ खुशियों के मिटा दो अंधियारे दिलों के देखो ! आ गई है दिवाली फिर खुशियों की बारात ले के रंग रोगन देखो सब पुराने हुए चलो फिर से…