धनतेरस बधाईयाँ - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"

कवि निकुंज शुभकामना, धनतेरस त्यौहार।
तन मन गृह सुख सम्पदा, हो मंगल परिवार।।१।।


आलोकित सद्भाव से,अमन शान्ति नित गेह।
मन विकार मानस मिटे, दीप जले नित स्नेह।।२।।


मिटे सकल दुख आपदा, हो रोगहीन उपवेश।
राष्ट्र प्रगति हो चहुँ दिशा, निर्भय संबल देश।।३।।


सबजन शिक्षा हो सुलभ, दीप जले सद्ज्ञान।
जले पाप आतंक का, दें सबको सम्मान।।४।।


दान मान सम्मान दे, धन्वन्तरि भगवान।
हो निर्मल मन मधुरिमा, ऐसा दो वरदान।।५।।


सजे वदन मुस्कान से, खिले पुष्प मकरंद।
महके खुशियाँ वतन में, भारत जग अभिनंद।।६।।


धनतेरस बधाईयाँ, अति पावन त्यौहार।
चलें मनुज ईमान पथ, नीति प्रीति उपहार।।७।।


बने सफल सत्कर्म पथ, राग त्याग निज स्वार्थ।
कृपा करें धन्वंतरी, हों नैतिक परमार्थ।।८।।


विश्व शान्ति समरथ सुखी, प्रकृति धरा अभिराम।
हरो पीड़ भर सम्पदा, हो जीवन सुखधाम।।९।।


हो विकास बदले दशा, खिले मुदित नवरंग।
खिल निकुंज अरुणाभ मन, परसुख उठे तरंग।।१०।।


डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली


Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos