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विधा/विषय "जज़्बात"
ग़ज़ल हुए जज़्बात - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
गुरुवार, जून 24, 2021
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेल फ़अल तक़ती : 22 22 22 22 21 12 हम जीते या वो जीते बस जीत हुई। इसी वजह से इतनी गहरी प्रीत हुई।। किन्त…
धागे जज़्बातों के - कविता - गोपाल मोहन मिश्र
शुक्रवार, मई 28, 2021
कितनी ही बातें हैं... दिल में कहने को, कोई सुन ले तो आकर! धागे जज़्बातों के... उलझे हैं, थोड़ा इनको सुलझा लें तो जाकर। व्यथा के आँसू...…