संदेश
मेरी चाहत - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
क्या कहूँ? शब्द जैसे खो गये हैं लगता है ऐसे जैसे तुम्हारे प्यार की बंदिशों में सो गये हैं। तुम्हारी तारीफों के लिए शब्द कहाँ से लाऊँ?…
अनन्त चाहत जीवन में - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
सब कुछ पाने की चाहत मन में , तन मन जीवन नित अर्पित जग में , बस सजीं मंजिलें ख्वाव चमन में, पड़ा चाहत में खो उदास मन। धन …
छुपी चाहत - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
छुपी चाहत हमें उनकी समझ आई इशारे में बसी उनकी अदा प्यारी नज़र के हर नज़ारे में कहा दिल ने संभल जाओ ,रहोगे चुप कहो कब तक फसी कश्ती …
तुम्हे पाने की चाहत थी तो खोना भी ज़रूरी था - ग़ज़ल - बलजीत सिंह बेनाम
मोहब्बत की रवायत में तो धोखा भी ज़रूरी था ज़माने में मगर इसका हाँ चर्चा भी ज़रूरी था तभी तो रह सकी है दर्द की तासीर भी ज़िंदा तुम्हे…
चाहत मेरी रूह की - कविता - राजू शर्मा
वह कौन थी रूप की सहजादी, जिनके हिजाब में कायनात छुपी थी। मेरी भी इच्छा थी दीदार करने की, लेकिन न जाने वह किस ख्वाब में डूबी थी। …
नफ़रतों ने चाहतों का हौसला देखा नहीं - ग़ज़ल - मनजीत भोला
नफ़रतों ने चाहतों का हौसला देखा नहीं प्यार की बातें करेंगे जान की परवा नहीं वक़्त भी बेचैन अब है आदमी की जात सा दौड़ता है भागता है…