नफ़रतों ने चाहतों का हौसला देखा नहीं - ग़ज़ल - मनजीत भोला

नफ़रतों ने  चाहतों का हौसला देखा नहीं
प्यार की बातें करेंगे जान की परवा नहीं

वक़्त भी बेचैन अब है आदमी की जात सा
दौड़ता है भागता है  ये कहीं टिकता नहीं

खुश्बुओं से खास दिल का राब्ता है लाजमी
फूल तक जाना अगर है  दूसरा जरिया नहीं

ऐ हवा किस बात का तुझको गुमां है ये बता
सामने सौ दीप तुझसे  एक भी  जलता नही

सब दुकानों पर मिलेंगे प्यार के सिम्बल यहाँ
जानता है प्यार लेकिन वो कहीं बिकता नहीं

मनजीत भोला - कुरुक्षेत्र (हरियाणा)

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