संदेश
गणतंत्र दिवस - कविता - रतन कुमार अगरवाला
गणतंत्र दिवस का पर्व आया, राष्ट्र ध्वज चारों ओर फहराया, "जन गण मन" गुनगुनाने का, देखो यह पावन दिन आया। 26 जनवरी 1950 का दिन …
गणतंत्र दिवस - कविता - नंदिनी लहेजा
चलो तिरंगा फहराएँ बड़ी शान से, गणतंत्र दिवस मनाये अभिमान से। संविधान के बिन स्वतंत्रता थी अधूरी, संविधान के मिलने से हुई फिर। गणतंत्र क…
जनता का तंत्र गणतंत्र - कविता - कवि दीपक झा 'राज'
जनता का जो तंत्र है, वही गणतंत्र है। भेदभाव की जगह नहीं अब, वंशवाद की लहर नहीं अब, जनता ही अब मालिक है, जनता ही सरकार है। जनता का जो त…
मना रहे गणतंत्र दिवस - कविता - अतुल पाठक 'धैर्य'
मना रहे गणतंत्र दिवस खुश हो झंडा फहराते हैं, याद शहीदों की कर-कर के गीत खुशी के गाते हैं। याद करो चरखे वाले को कैसी अजब कताई की, तोप-त…
राष्ट्रभक्त गणतंत्र हमारा - कविता - डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज'
सारे जहां से अच्छा भारत, उन्मुक्त लहराए तिरंगा। संविधान पावन धर्मग्रन्थ अमर रहे गणतंत्र हमारा।। भारत …
छब्बीस जनवरी - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
आई है फिर से देश में, छब्बीस जनवरी। लाई है नव संदेश, ये छब्बीस जनवरी। इस ही पवित्र दिवस को, था लोकतंत्र का मन्त्र सजा। मिले मूलअधिकार …
गणतंत्र दिवस - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज'
गौरव है स्वाधीनता, पा भारत गणतंत्र। त्याग शील पुरुषार्थ पर, न्याय प्रीति सच मंत्र।।१।। किन्तु आज अवसाद मन, देखा देश विरोध। सत…