अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन
तक़ती : 22 22 22 22
नफ़रत का बम फोड़ा जाए,
अपनों को ना छोड़ा जाए।
मग़रूरी ने तोड़े हैं दिल,
अब इसको भी तोड़ा जाए।
तब जाके बनता है घर जब,
इक-इक तिनका जोड़ा जाए।
मय मयखाने ग़ुरबत लाते,
इनसे मुँह अब मोड़ा जाए।
ख़ुशियों की चादर हुई छोटी,
चल 'रज्जन' ग़म ओढ़ा जाए।
रज्जन राजा - कानपुर (उत्तर प्रदेश)