घर-घर तिरंगा लहराए - गीत - रमाकांत सोनी

घर-घर तिरंगा लहराए, हम गीत वतन के गाए। 
शौर्य पराक्रम की गाथा, जन मन जोश जगाए। 
घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए।

आज़ादी जश्न मनाएँ, जन गण मन गाए प्यारा। 
वंदे मातरम वंदे मातरम, सबका है एक ही नारा। 

क्रांति काल में कूद पड़े, सीने पर गोली खाए। 
मातृभूमि को शीश चढ़ा, शहीद वो कहलाए। 
घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए।

रणवीरों के गीत तराने, सब झूम झूमकर गाते। 
आज़ादी दिवस हमारा, मिलकर सभी मनाते।    

सद्भावों की बहती धारा, राष्ट्र धारा हम लाए। 
देशभक्ति दीप जला, जन मन उमंग जगाए। 
घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए।

हरियाली से हरी भरी हो, पावन धरा हमारी। 
अमन चैन शांति फैले, खिल जाए फुलवारी। 

अपनापन बाँटे सलोना, ख़ुशियाँ घर-घर आए। 
होठों पे मुस्कान मधुर, तराने देश प्रेम के गाए। 
घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए।

रमाकान्त सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)

Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos