जय महावीर - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

जय महावीर हनुमान प्रभू,
अब संकट सारे दूर करो।

हे! अंजनि सुत मारुति नन्दन,
है संकट मोचन नाम तेरो।

तब देवों के दुःख दूर करे,
अब हम मनुजों पर कृपा करो।

जय महावीर हनुमान प्रभू,
अब संकट सारे दूर करो।

हे! अनिल पुत्र हे! पवन तनय,
अब तुम ही जग पर दया करो।

हे! अंजनि सुत मारुति नन्दन,
है संकट मोचन नाम तेरो।

सँजीवनि लक्षिमन हित खोजी,
तब उनके प्राण बचाए थे।

सीता माँ को मुदरी देकर,
दुःख उनके तुम हर आए थे।

दुःख राम प्रभू का दूर किया,
अब हम बच्चों को क्षमा करो।

जग सौंपा प्रभु ने है तुमको,
प्रभु जग वालों को क्षमा करो।

हे! अंजनि सुत मारुति नन्दन,
है संकट मोचन नाम तेरो।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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