गणपत लाल उदय - अजमेर (राजस्थान)
हमारे राष्ट्रपिता - कविता - गणपत लाल उदय
रविवार, अक्टूबर 02, 2022
महात्मा गाँधी कहलाएँ राष्ट्रपिता हमारे,
आत्मशुद्धि शाकाहारी प्रेरणा देने वाले।
सादा जीवन व उच्च विचार रखने वाले,
भारत देश को स्वतंत्रता दिलवाने वाले॥
ना कभी वो थके और ना कभी वो रुके,
नहीं हारे वो कभी हिम्मत और हौसला।
कर दिखाया उन्होंने अनहोनी को होनी,
इस तरह का लिया उन्होंने कई फ़ैसला॥
धार्मिक नारी थी इनकी माँ पुतली बाई,
पिता करमचन्द गाँधी रियासती दिवान।
मोहनदास गाँधी इनके बचपन का नाम,
तेरह वर्ष में हुई शादी कस्तुरबा था नाम॥
सत्याग्रह शांति व अहिंसा के रास्ते चलें,
अंग्रेजों को भारत से निकालकर ये रहें।
राजकोट स्थित अल्बर्ट हाईस्कूल में पढ़ें,
अंग्रेजी के साथ पढ़ाई में अव्वल ये रहें॥
तीन वर्ष की शिक्षा-दीक्षा लंदन से किए,
बेरिस्टर बनकर बापू अपने वतन आए।
भव्य स्वागत के साथ महात्मा कहलाएँ,
असल यात्रा जीवन की फिर शुरू किए॥
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