स्त्री और प्रेम - कविता - स्मृति चौधरी

एक स्त्री की तरह...
प्रेम...
पर्याप्त,
निस्वार्थ,
अखंड,
संपूर्ण होता है,
एक स्त्री की तरह...
प्रेम...
जीवन में जब आता है,
विस्तृत तरंगे लाता है,
कामनाओं से कर मुक्त,
व्यक्तित्व को निखारता है,
एक स्त्री की तरह... 
प्रेम...
मन का विश्वास होता है,
आत्मा का श्वास-प्रश्वास होता है,
स्वभाव को कर दिव्य,
पौरुष का स्वाभिमान होता है,
एक स्त्री की तरह...
प्रेम...
जब भक्ति होता है,
प्राणसंकल्प की स्वीकृति होता है,
कामवृत्ति को कर समाप्त,
सच्चे अर्थों में शक्ति होता है,
एक स्त्री की तरह... 
प्रेम...
तार्किक,
स्पष्ट,
पवित्र,
प्रकृति होता है...
प्रेम, सृष्टि होता है...

स्मृति चौधरी - सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos