राष्ट्र के राम - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी

कण कण मे बसे हैं रामहि राम 
कबीर के भौहारी राम 
तुलसी के अवतारी राम।
मानस मंदिर मे बसे जो 
उर बसे अनादि रामहि राम 
हर मानस मा तत्व समान।
कौशल्या नन्दन राजा राम 
दशरथ नन्दन हैं राजा राम 
बसत अयोध्यम उनका धाम।
जीवन अविराल जलधारा राम 
सत्य सनातन धर्म है राम 
वह कर्मशील पथ राजा राम।
वचन नाम है जिनका काम 
धरती जल आकाश अनल मे 
पुहुप समीर सुगंध हैं राम।
आदि अंत है राजा राम 
कण कण मे बसे हैं रामहि राम 
राष्ट्र राम जय राजा राम।
उर बसे अनादि रामहि राम 
तुम्हरे राम हैं हमरे राम 
कण कण मे बसे हैं राजा राम।

कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी - सहआदतगंज, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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