मिराज पथ - कविता - सौरभ कुमार

परमाणु शक्ति लिए खड़े, 
भारती शूरवीरों से भिड़े
ऐ पाक अब एक सबूत भी
माँग मत माँग मत माँग मत।
मिराज पथ मिराज पथ मिराज पथ।।

तू ना सुधरेगा कभी,
तू ना मानेगा कभी
तू ना लड़ेगा कभी
कर प्रहार छिपकर अब,
मिराज पथ मिराज पथ मिराज पथ।।

यह महान रहस्य है
देख रहा विश्व है
बात न करेंगे अब,
परमाणु का ख़ौफ़ नहीं, 
परमाणु प्रत्येक जवान यहीं
मिराज पथ मिराज पथ मिराज पथ।।

वीरों का यहाँ सागर है,
कश्मीर उसका गुरुर
आतंकी से पलता देश तेरा
धोखा तेरा सुरूर
मिराज पथ मिराज पथ मिराज पथ।।

हो हिस्सा हमारी, 
पर धूर्त निकले तुम
तेरे गीदड़-भभकी पे गोली ठोके, 
इतना कि पटाखे से डरे तुम 
मिराज पथ मिराज पथ मिराज पथ।।

किये थे भरोसा,
तुझ पर कुछ ही ज्यादा
सबसे अधिक शैतान ठहरे तुम।
ऐ पाक अब एक सबूत भी
माँग मत माँग मत माँग मत।
मिराज पथ मिराज पथ मिराज पथ।।

सौरभ कुमार - जामताड़ा (झारखण्ड)

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