हे कृष्णा सांवरे - कविता - चीनू गिरि

प्यारे तू सब जानता है ,
प्यारे तू सब देखता है !
तूने तकदीर लिखी है,
मेरी इसमें क्या खता है !
मैने तो वो ही किया है ,
तू जो मेरे से करवाता है !
मेरी हर सांस तेरी दी हुई ,
मेरी सांसों मे तू बसाता है !
अब मै पापी हुं या पुजारी ,
प्यारे ये सब तू जानता है !
मेरी जीवन डोर तेरे हाथों मे,
प्यारे तू सबका विधाता है !
तेरा ही लिखा हुआ सब है,
मन जो तेरी और भागता है !

चीनू गिरि - देहरादून (उत्तराखंड)

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