प्रभु कैसा राह बनाया - गीत - शेखर कुमार रंजन

प्रभु ये तूने कैसा राह बनाया,
राहो में तूने क्यों कांटा बिछाया।

जो दिया दर्द उसे सर पे सजाया,
प्यारी सी फूलों को पैरों से लगाया

पानी की जगह तूने आँसु पिलाया
प्रभु ये कैसा? तूने राह बनाया।

मेरे भूलों को तूने दिल से लगाया,
मेरे किस्मत में क्यों दर्द ही दिलाया

प्रभु ये तूने कैसा? राह बनाया,
राहों में तूने  क्यों कांटा बिछाया।


शेखर कुमार रंजन - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

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