बिना फल फूलों वाले वृक्ष भी कम उपयोगी नही होते - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला

एक पेड़ की कितनी कीमत है जिसे लिखने के लिए पन्ने कम पड़ जाएंगे, सियाही भी कम पड़ जाएगी।
हमारे भारत मे तो तमाम वृक्षो को देवता के रूप मे पूजा  जाता रहा है उसके तमाम वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक कारण हैं। गीता मे भगवान श्री कृष्ण ने यहाँ तक कहा है कि 'वृक्षो में मैं पीपल हूँ'।
फल फूल के बिना भी वृक्षों के बहुत फायदे हैं।
एक गीत है, दरख्तों के साए,
वृक्ष क्या-क्या नहीं देते जिसे वर्णन करना बहुत मुश्किल होगा। दवाइयां,भोजन, कपड़े से सुरक्षा तक पेड़ ही तो देते हैं।
यह हवाएं, यह प्राणवायु के रूप में ऑक्सीजन, यह जल वर्षा, यह वर्षा के पानी से भूस्खलन को रोकना, मिट्टी को बचाकर धरती की सुरक्षा करना यह पेड़ों का ही काम है।
हर प्रकार से धरती से लेकर धरती वासियों की हिफाजत करते हैं यह पेड़।
पंछियों के बसेरे से लेकर इंसानों की झोपड़ी से महल तक की लकड़ी व फर्नीचर इन पेड़ों से ही प्राप्त होते हैं।
घरों की शोभा बढ़ाने वाले फर्नीचर वृक्षों की देन है।
थके हारे पथिक वृक्षों के साए में चैन की सांस लेते हैं।
पूरा-पूरा भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद सिद्धांत जो पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहा है वह वृक्षों पर ही आधारित है।

पता नहीं कितनी औषधियां वृक्षों के पत्ते  छाल आदि से बनते हैं। यहां तक कि घर में रोज इस्तेमाल होने वाली माचिस से लेकर जीवन के बाद भी वृक्षों की लकड़ियां ही देह दाह के काम आ कर मोक्ष के द्वार ले जाते  ये पेड़ ।
हर पेड़ का तना अलग-अलग किस्म का होता है, किसी का हरा किसी का चिकना तो किसी का छाल से भरा हुआ सभी के अपने-अपने फायदे हैं क्योंकि हरे तने भी पत्तियों की तरह  सूर्य के प्रकाश में भोजन बनाते हैं और मजबूत तने इंसान की जरूरत के लगभग सभी सामान बनाने के काम आते हैं। चीड़, देवदार, शीशम जो  कि बिना फल फूल 
उनकी लकड़ी से फर्नीचर, दरवाजे आदि बनते हैं।
वृक्षों की जड़े भूस्खलन से धरती की सुरक्षा करती हैं, बाढ़ में मिट्टी को बह जाने से रोक लेते है ये पेड़।

इकोसिस्टम की तो बुनियाद ही पेड़ होते हैं। इकोसिस्टम में पेड़ सबसे महत्वपूर्ण रोल में होते हैं। शहर और सड़कों की को भी ठंडा रखते हैं ये पेड़।
रिसर्च में देखा गया है कि जिन शहरों में वृक्ष कम होते हैं उनका तापमान अधिक होता है और जहां वृक्ष अधिक होते हैं उनका तापमान सामान्य होता है।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उ०प्र०)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos