हुए जो गैर के, तेरे दर पे ही मर जाऊँगा
सहारे तुझको मिलेंगे बहुत ही दुनिया में
मैं तो बिन तेरे अब एक पल भी ना रह पाऊँगा
ना मुझको छोड़ना तू सुनले ऐ मेरी मितवा
तूने छोड़ा तो बता दे कहाँ मैं जाऊँगा
तुझको चाहा तुझे पूजा हर इक जन्म मैंने
इस जन्म कैसे किसी और का हो जाऊँगा
ना मुझे देख तू, हसरत भरी निगाहों से
मैं आँसू बन तेरी आँखों में समा जाऊँगा
याद कर करके मुझे उम्र भर रोती रहना
मैं बनके दूल्हा चार काँधे, चला जाऊँगा
कुमार निर्दोष - दिल्ली