लक्ष्मी बाई - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

लक्ष्मी बाई बन मनू जब,
पग धरणि पर धर दिया ।

मानो स्वयं ही दुर्गमा ने ,
जन्म धरती पर लिया ।

सुघड़ता मे लक्ष्मि जैसा,
रूप प्रभु ने था  दिया ।

शौर्य ,साहस शक्ति से  ,
माँ शक्ति ने सजा दिया ।

मां भारती की भक्ति  हित ,
थे  प्राण अर्पण कर दिया ।

ये वीरता की अमिट गाथा ,
को  नया  दर्पण  दिया ।

नारी शक्ति अटल योद्धा ,
की अमर मिसाल वह ।

क्रांति  देवी रूप में  थीं ,
शत्रुओं  का  काल  वह ।

निर्बल नहीं नारी  कभी ,
संदेश  दुनिया को  दिया  ।

गौरव  बढ़ाकर  देश का ,
यह विश्व में साबित किया ।


सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos